इंदौर से मसूरी आयें पर्यटक ने बताया अपना अनुभव
पर्यटन नगरी मसूरी पर्यटन की दृष्टि से विश्व विख्यात है यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खींच कर लाती है। परंतु मसूरी कि बदहाल होती स्थिति भी चिंता का विषय हैं। इसी बारे में हमारी बात हुई इंदौर से आए पर्यटक लक्ष्मण सैनी से
इंदौर शहर से आए पर्यटक सैनी ने बताया कि वह मसूरी विगत 30 वर्षों से आ रहे हैं पर्यटन नगरी का इतना बुरा हाल अभी तक उन्होंने नहीं देखा था। उनका कहना है कि और क्षेत्रों से माल रोड फिर भी थोड़ी साफ है परन्तु वह मसूरी के विभिन्न क्षेत्र पर पैदल ही भ्रमण करते हैं उन्हें पूरी मसूरी में इक्का-दुक्का जगह छोड़कर डस्टबिन/कूड़ा दान कहीं पर भी नहीं दिखे कुछ एक प्रतिष्ठानों ने डस्टबिन रखे हैं। कूड़ादान ना होने के कारण पर्यटक या स्थानीय व्यक्ति माल रोड से कूड़ा कहां तक ले जाएगा। उन्होंने बताया की सायं काल में ज्यादातर जगह अंधेरा रहता है जिसका कारण लाइटों का खराब होना है। बरसात के समय संपूर्ण माल रोड पानी से भरीं रहती है बरसात का पानी नालियों में जाने की बजाय माल रोड पर बहता है। एक समय था जब नालियों पर विशेष ध्यान दिया जाता था परंतु आज नालियां खत्म कर दी गयी हैं।
इस संबंध में हमारी बात हुई नगर पालिका परिषद मसूरी के अधिशासी अधिकारी राजवीर चौहान से जिन्होंने बताया कि डस्टबिन के संबंध में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही संपूर्ण मसूरी में डस्टबिन लगाए जाएंगे। पथ प्रकाश/स्ट्रीट लाइट के संबंध में हमने बात करनी चाहिए नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी से परंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया और समाचार लिखे जाने तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आयीं
पर्यटन नगरी मसूरी की बात की जाए तो नगर पालिका के नालियों और नालों में जल संस्थान व यमुना पंपिंग योजना और विद्युत विभाग द्वारा भूमिगत लाइन के तहत डाली गई पानी की पाइपों और विद्युत तारों का जाल अमूमन देखने को मिलता है
जिस कारण नाली व नालों में कूड़ा फंस जाता है और नालें बंद हो जाते हैं।
इसका उदाहरण मसूरी के प्रतिष्ठित स्कूल हेम्पटन कोर्ट रोड़ पर देखनें को मिलता हैं।
नगर की व्यवस्था और शहीदों के प्रति संवेदना का हाल यह है कि विगत 2 सितंबर मसूरी में शहीद उत्तराखंड आंदोलनकारीयों कि याद में उप जिलाधिकारी दीपक सैनी द्वारा कुछ वृक्ष लगवाए गए थे।
विगत दो दिनों से स्वर्गीय हंसा धनाई व स्वर्गीय बेलमती चौहान के नाम से लगाये गए वृक्षों कि नाम लिखीं सुरक्षा जाली गीरी हुई हैं जिन्हें पहले तो सड़क किनारे नाली पर रखा था। फिर किसी स्थानीय द्वारा सड़क के ऊपर रखा है।
हेम्पटन कोर्ट को जाने वाली सड़क पर लगाया गया डस्टबिन/कूड़ेदान पर हमेशा ताला लगा रहता है जिससे कूड़ा डालने वाले कभी इसके ऊपर कभी इसके आसपास कूड़ा डालने को मजबूर हैं।