प्रधानाचार्य देश कुमार कल्याण को दिल्ली में मिला ‘डॉ. अंबेडकर विशिष्ट सेवा राष्ट्रीय सम्मान – 2025’
उत्तराखंड समाचार 365/ धनवीर सिंह कुंमाई
नई दिल्ली/टिहरी गढ़वाल/जौनपुर विकासखंड –उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे टिहरी गढ़वाल राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) गरखेत, जौनपुर विकासखंड के प्रधानाचार्य देश कुमार कल्याण ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है। नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें ‘डॉ. अंबेडकर विशिष्ट सेवा राष्ट्रीय सम्मान – 2025’ (Dr. Ambedkar Distinguished Service National Award-2025) से नवाजा गया है।

यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 12-13 दिसंबर 2025 को आयोजित 41वें राष्ट्रीय सम्मेलन में, उनके साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान के लिए प्रदान किया गया।
कल्याण अंतर्राष्ट्रीय मैराथन धावक रहे हैं देश कुमार कल्याण
देश कुमार कल्याण की शख्सियत केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी रहे हैं। खेल जगत में उनकी उपलब्धियां युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं:
रथ अंतरराष्ट्रीय मैराथन (1988): उन्होंने 1988 में नई दिल्ली में आयोजित श्री राम ग्रुप की प्रतिष्ठित ‘रथ अंतरराष्ट्रीय मैराथन’ में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने 42.5 किलोमीटर की लंबी और कठिन दौड़ को महज 3 घंटे 13 मिनट में पूरा कर एक कीर्तिमान स्थापित किया था।
नेहरू सेंचुरी अंतरराष्ट्रीय मैराथन: इसके अतिरिक्त, उन्होंने INCB नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मैराथन (नेहरू सेंचुरी रन) में भी प्रतिभाग किया, जहाँ उन्होंने 21 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लिया।
एक अंतर्राष्ट्रीय मैराथन खिलाड़ी (International Marathon Player) के रूप में उनका अनुशासन और जुझारूपन आज उनके शिक्षण कार्य और विद्यालय प्रबंधन में भी झलकता है।
*वर्तमान में दे रहे हैं शिक्षा को नई दिशा*
मूल रूप से विकासनगर (देहरादून) के निवासी कल्याण वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) गरखेत, जौनपुर (टिहरी गढ़वाल) में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। वे विद्यालय के शिक्षक-अभिभावक संघ (2025-26) में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
एएमयू (AMU) अलीगढ़ से एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले और भूगोल में परास्नातक कल्याण को इससे पूर्व 2024 में भी ‘डॉ. बी.आर. अंबेडकर फेलोशिप नेशनल अवॉर्ड’ मिल चुका है।
अकादमी ने उम्मीद जताई है कि एक खिलाड़ी की खेल भावना और बाबा साहेब के विचारों से प्रेरित होकर वे समाज में असमानता मिटाने और शोषित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। उनकी इस उपलब्धि पर शिक्षा विभाग और खेल जगत के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।

